ठनका
--- कुंदन अमिताभ ---
बिजली कौंधी कॆ घटा चौंधी कॆ ठनका रौंधी कॆ
दिन मॆ भी घुप्प अन्हार रात लानी देनॆ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
झरिया के हर एक बून जहरीलॊ तीर बनी कॆ
सोझे सीना कॆ भेदी सौसे शरीर जराबै मॆं लगी गेलॊ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
अंधर - तूफान लॆ चललै करगी पार उफनलॊ नद्दी कॆ
प्रहार होलै आरू बरियॊ पता नै कोन नरक दन्नॆ बढ़ी रहलॊ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
मय्यॊ - बाबू के कपार खराब रहै जे बेदिशा मिललै भाग्यॊ कॆ
ससुराल लायक नै होयकॆ भी माय - बाबू सॆं दूर होय रहलॊ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
सौतेली बेटी कॆ भी ऐन्हॊ सजा नै मिलॆ तोंय देल्है जे आपनॊ बेटी कॆ
अनजान पापॊ के सजा भुगतै लॆ कालकोठरी दन्नॆ बढ़ी रहलॊ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
माय गे हम्मॆ तोरॊ प्यार मॆं पागल छेलियॊ सोचै रहियॊ सब अच्छे करभैं
सब सखी के मनॊ के जोड़ीदार बाँकी हमरे नै बंद सुरंग दन्नॆ बढ़ी रहलॊ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
Angika Poetry : Thanka
Poetry from Angika Poetry Book : Sarang
Poet : Kundan Amitabh
Please visit angika.com for more Angika language Poetry
बिजली कौंधी कॆ घटा चौंधी कॆ ठनका रौंधी कॆ
दिन मॆ भी घुप्प अन्हार रात लानी देनॆ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
झरिया के हर एक बून जहरीलॊ तीर बनी कॆ
सोझे सीना कॆ भेदी सौसे शरीर जराबै मॆं लगी गेलॊ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
अंधर - तूफान लॆ चललै करगी पार उफनलॊ नद्दी कॆ
प्रहार होलै आरू बरियॊ पता नै कोन नरक दन्नॆ बढ़ी रहलॊ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
मय्यॊ - बाबू के कपार खराब रहै जे बेदिशा मिललै भाग्यॊ कॆ
ससुराल लायक नै होयकॆ भी माय - बाबू सॆं दूर होय रहलॊ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
सौतेली बेटी कॆ भी ऐन्हॊ सजा नै मिलॆ तोंय देल्है जे आपनॊ बेटी कॆ
अनजान पापॊ के सजा भुगतै लॆ कालकोठरी दन्नॆ बढ़ी रहलॊ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
माय गे हम्मॆ तोरॊ प्यार मॆं पागल छेलियॊ सोचै रहियॊ सब अच्छे करभैं
सब सखी के मनॊ के जोड़ीदार बाँकी हमरे नै बंद सुरंग दन्नॆ बढ़ी रहलॊ छौं
हम्मॆं एगॊ बच्ची लड़की नैनॊ मॆं अश्रुधारा
बूढ़ॊ साँय सथॆं जिनगी बिताबै लॆ चली पड़लॊ छौं
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