बनभुटका
--- कुंदन अमिताभ ---
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
झारी मॆं बनभुटका ऐलॊ छै बड़ी जोर
कोनॊ करिया भुजंग तॆ कोनॊ लाल टेस
कोनॊ पीरॊ-पीरॊ तॆ कोनॊ रेघा वाला हरिहर
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
परबैतनी सॆं पूछैं के तोड़ी लै छै ?
फैरछॊ होथैं ओहॆ सब जाय छै गांग नहाय लॆ
नुंगा - फट्टा लॆ कॆ कंतरी थामनॆ- ओकरे काम छेकॊ
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
चटिया सीनी सॆं पूछैं के तोड़ी लै छै ?
बेरा लबला के पहिनॆ ओहॆ सब जाय छै
स्कूली दन्नॆ बस्ता लॆ कॆ पढ़ै लॆ - ओकरे काम छेकॊ
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
सगतोरनी सॆं पूछैं के तोड़ी लै छै ?
जलखय बाद ओहॆ सब गुजरै छै पुष्टा दॆ कॆ बैहारी दन्नॆ
साग तोरै लॆ खौचा - खौचा - ओकरे काम छेकॊ
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
घसघरनी सॆं पूछैं के तोड़ी लै छै ?
रौद - बतास मॆं ओहॆ सब बअुऐतॆं रहै छै
घास गढै लॆ खुरपी लॆ कॆ - ओकरे काम छेकॊ
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
धोरैबा सॆं पूछैं के तोड़ी लै छै ?
बेरा डुबला के बाद ओहॆ सब लौटै छै बैहारी सॆं
माल-जाल लॆ कॆ - ओकरे काम छेकॊ
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
कोय तोरॆ कोय खाय तोरॊ की जाय छौं
खाय वाला चीज छेकै खैबे करतै कनियान
परेशान नै हेयियॊ - जेकरा भाग्य मॆ जे छै - मिलबे करतै.
Angika Poetry : Banbhutka
Poetry from Angika Poetry Book Collection : Sarang
Poet : Kundan Amitabh
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मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
झारी मॆं बनभुटका ऐलॊ छै बड़ी जोर
कोनॊ करिया भुजंग तॆ कोनॊ लाल टेस
कोनॊ पीरॊ-पीरॊ तॆ कोनॊ रेघा वाला हरिहर
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
परबैतनी सॆं पूछैं के तोड़ी लै छै ?
फैरछॊ होथैं ओहॆ सब जाय छै गांग नहाय लॆ
नुंगा - फट्टा लॆ कॆ कंतरी थामनॆ- ओकरे काम छेकॊ
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
चटिया सीनी सॆं पूछैं के तोड़ी लै छै ?
बेरा लबला के पहिनॆ ओहॆ सब जाय छै
स्कूली दन्नॆ बस्ता लॆ कॆ पढ़ै लॆ - ओकरे काम छेकॊ
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
सगतोरनी सॆं पूछैं के तोड़ी लै छै ?
जलखय बाद ओहॆ सब गुजरै छै पुष्टा दॆ कॆ बैहारी दन्नॆ
साग तोरै लॆ खौचा - खौचा - ओकरे काम छेकॊ
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
घसघरनी सॆं पूछैं के तोड़ी लै छै ?
रौद - बतास मॆं ओहॆ सब बअुऐतॆं रहै छै
घास गढै लॆ खुरपी लॆ कॆ - ओकरे काम छेकॊ
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
धोरैबा सॆं पूछैं के तोड़ी लै छै ?
बेरा डुबला के बाद ओहॆ सब लौटै छै बैहारी सॆं
माल-जाल लॆ कॆ - ओकरे काम छेकॊ
मामा केरॊ पुष्टा पॆ लागलॊ झारी मॆं लूधलॊ
बनभुटका के तोड़ी लै छै रोजे के रोज ?
कोय तोरॆ कोय खाय तोरॊ की जाय छौं
खाय वाला चीज छेकै खैबे करतै कनियान
परेशान नै हेयियॊ - जेकरा भाग्य मॆ जे छै - मिलबे करतै.
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