Sunday, May 14, 2017

शर्त

शर्त

--- कुंदन अमिताभ ---

जहाँ - जहाँ शर्त छै
जैन्जां - जैन्जां शर्त छै
वैंजां प्यार नै छै ।

जहाँ - जहाँ  प्यार छै
जैन्जां - जैन्जां प्यार छै
वैंजां शर्त नै छै ।






Angika Poetry : Shart
Poetry from Angika Poetry Book : 
Poet : Kundan Amitabh
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Wednesday, May 10, 2017

भीत-२


 भीत 

--- कुंदन अमिताभ ---

भीत खड़ा करी  देनै छै 
हमरऽ आरू हमरऽ मुक्ति मार्ग
केरऽ रास्ता म॑ हमरऽ अज्ञानें न॑
भलुक हमरऽ अज्ञाने भीत छेकै





Angika Poetry : Bheet
Poetry from Angika Poetry Book : 
Poet : Kundan Amitabh
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Tuesday, May 9, 2017

जीवन बड़ा छै जनम मरण स॑


-- कुंदन अमिताभ -- 

जीवन कहीं अधिक बड़ा छै-
विफलता या सफलता स॑
मरण या जनम स॑
जीवन कहीं बहुत आगे छै-
विफलता या सफलता स॑
मरण या जनम स॑

जों तोरा लगां ऐन्हऽ ताकत छौं
जों तोरा लगां ऐन्हऽ समझ छौं
त॑ तोंय राजा छेको
तोंय राजा ऐसनऽ काम करभो
कोय तोरा हिलाब॑ नै पारथौं
कोय तोरा डगमगाब॑ नै सकथौं ।

मरण-जनम लगलऽ छै युगऽ-युगऽ स॑
विफलता या सफलता लागलऽ छै युगऽ-युगऽ स॑
जीवन फिर भी चली रहलऽ छै
अथाह जीवन केरऽ एगो अध्याय मात्र छेकै -
जनम, मरण,
सफलता, विफलता ।

पूरा जीवन ही विफलता नै छेकै
पूरा जीवन ही सफलता नै छेकै
जेना पूरा जीवन ही मरण नै छेकै
पूरा जीवन ही जनम नै छेकै
अपना क॑ कमजोर नै मानऽ
प्रार्थना कमजोर क॑ मजबूत बनैल॑ रखै छै ।

विफलता स॑ घबड़ाना कैसनऽ?
सफलता स॑ हड़बड़ाना कैसनऽ?
अपना क॑ पहचानऽ
महसूस करऽ तोंय मुकम्मल छेको
महसूस करऽ तोंय शुद्ध छेको
महसूस करऽ तोंय सनातन छेको ।


Angika Poetry : जीवन बड़ा छै जनम मरण स॑
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 Poet : Kundan Amitabh
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Wednesday, May 3, 2017

नदी नदी समुंदर

-- कुंदन अमिताभ -- 

मिली गेलै ई गरदा हवां मं॑ ऐना
नदी-नदी के बूंद समुंदर म॑ जेना ।।

नदी जब॑ समुंदर म॑ मिलै छै
त॑ नदी कहाँ रहै छै
नदी केरऽ हर बूँद मिलला के बाद
समुंदर के ही हिस्सा  बनी जाय छै
नदी चलतें रहै के नाम छेकै
समुंदर अडिगता, स्थिरता के
समुंदर म॑ सब कुछ छै
नदी भी, पहाड़ भी
झाड़ भी, झंखाड़ भी ।


इंसान जब॑ भक्ति मं॑ लीन
ईश्वर क॑ समर्पित होय जाय छै
त॑ इंसान कहाँ रहै छै
वू त॑  भगवान बनी चुकलऽ रहै छै ।

नदी सागर मं॑ मिली क॑
पाबै छै कि ओकरऽ
कण-कण सागर छेकै
ईश्वर भक्ति म॑
भगवान क॑ समर्पित हर इंसान
पाबै छै कि ओकरऽ कण-कण
म॑ ही भगवान समैलऽ छै ।

नदी - नदी समैलऽ समुंदर
कण-कण भगवान अंदर ।


Angika Poetry : नदी-नदी समुंदर
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 Poet : Kundan Amitabh
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