Thursday, June 4, 2015

विकास धरपट

विकास धरपट

--- कुंदन अमिताभ ---

विकास तॆ खूब होलॊ छै हिन्नॆ !
हिन्नॆ कुछ सालॊ मॆं विकास धरपट होलॊ छै !

बेरोजगारी कमलॊ छै - पलायन बढ़लॊ छै
जनसंख्या कमलॊ छै - लङका-बच्चा बढ़लॊ छै
दूरी घटलॊ छै - परिवहन के साधन बढ़लॊ छै
विकास तॆ खूब होलॊ छै हिन्नॆ !
हिन्नॆ कुछ सालॊ मॆं विकास धरपट होलॊ छै !

अफसर बढ़लॊ छै - किसान घटलॊ छै
राज्य बढ़लॊ छै   - भाषा घटलॊ छै 
मोबाईल बढ़लॊ छै - संवाद घटलॊ छै
विकास तॆ खूब होलॊ छै हिन्नॆ !
हिन्नॆ कुछ सालॊ मॆं विकास धरपट होलॊ छै !

कच्चा घॊर बढ़लॊ छै - पक्का मंदिर बढ़लॊ छै
तीर्थ यात्री बढ़लॊ छै - तीर्थ यात्रा घटलॊ छै
काँवरिया बढ़लॊ छै - श्रद्धालु घटलॊ छै
विकास तॆ खूब होलॊ छै हिन्नॆ !
हिन्नॆ कुछ सालॊ मॆं विकास धरपट होलॊ छै !


कनेक्टिविटी  बढ़लॊ छै - गाँव गाँव कटलॊ छै
कानून घटलॊ छै - भ्रष्टाचार  बढ़लॊ छै
अंधविश्वास  घटलॊ छै - अंधमानसिकता बढ़लॊ छै 
विकास तॆ खूब होलॊ छै हिन्नॆ !
हिन्नॆ कुछ सालॊ मॆं विकास धरपट होलॊ छै !

विरोधी स्वर घटलॊ छै -  तानाशाही प्रवृति बढ़लॊ छै 
धार्मिकता  बढ़लॊ छै - धार्मिक प्रहार  बढ़लॊ छै 
देशभक्त बढ़लॊ छै - देशभक्ति घटलॊ छै
विकास तॆ खूब होलॊ छै हिन्नॆ !
हिन्नॆ कुछ सालॊ मॆं विकास धरपट होलॊ छै !

Angika Poetry : Vikash Dharpat
Poetry from Angika Poetry Book Collection : Sarang
Poet : Kundan Amitabh
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