गरदौअा झरिया
--- कुंदन अमिताभ ---
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
फोका बनी टघरी टघरी कॆ
नद्दी दन्नॆं बढ़ी रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
घोघी केरॊ संगी बनी कॆ
खोरैय खोरैय टप्पी रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
सगरे बिथड़लॊ गंदगी कॆ
बहैनै लेनॆ जाय रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
बयार सथें नरमी घोरी कॆ
घाम ओरैनॆं जाय रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
जोंकटी सीनी के लानी करी कॆ
ऐंगनां मॆ बिथराय रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
चटिया सीनी के पीछू पड़ी कॆ
घॊर दन्नॆं बैहाय रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
Poetry from Angika Poetry Book : Sarang
Poet : Kundan Amitabh
Please visit angika.com for more Angika language Poetry
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
फोका बनी टघरी टघरी कॆ
नद्दी दन्नॆं बढ़ी रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
घोघी केरॊ संगी बनी कॆ
खोरैय खोरैय टप्पी रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
सगरे बिथड़लॊ गंदगी कॆ
बहैनै लेनॆ जाय रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
बयार सथें नरमी घोरी कॆ
घाम ओरैनॆं जाय रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
जोंकटी सीनी के लानी करी कॆ
ऐंगनां मॆ बिथराय रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
चटिया सीनी के पीछू पड़ी कॆ
घॊर दन्नॆं बैहाय रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
गरदौआ झरिया पड़ी - पड़ी कॆ
रोपनी सथें राग मिलाय कॆ
रोपनी गीत गाय रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
Angika Poetry : Gardowa Jhariaरोपनी सथें राग मिलाय कॆ
रोपनी गीत गाय रहलॊ छै
जौरें आपनॊ बूँदो के साथ
Poetry from Angika Poetry Book : Sarang
Poet : Kundan Amitabh
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