-- कुंदन अमिताभ --
संवेदनशीलता अंतर्ज्ञान छेकै
संवेदनशीलता अनुकंपा छेकै
संवेदनशीलता प्रेम छेकै
संवेदनशीलता आत्मबल छेकै ।
आरू आत्मबल ?
आत्मबल छेकै स्थिरता
आत्मबल छेकै तितिक्षा
आत्मबल छेकै सहनशीलता
आत्मबल छेकै मौन व्रतता
आत्मबल छेकै निष्ठा
आत्मबल प्रतिक्रिया-विहीनता ।
आबऽ दूनो बनलऽ जाय
संवेदनशील बनलऽ जाय
सबलतम भी बनलऽ जाय ।
Angika Poetry : Atmabal
Poetry from Angika Poetry Book :
Poet : Kundan Amitabh
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